Tuesday, March 17, 2020

अनु. 80 के तहत मनोनयन को लेकर कांग्रेस और भाजपा!

सरकार जब जब कुछ अनैतिक करे,
तब तब कांग्रेस का 20-30-50 साल पुराना एक उदाहरण बताया जाता है। लगता है, कांग्रेस की 70 सालों की अनीतियों, अनैतिकताओं का संग्रह कर उसे खुद का मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट बना लिया गया है।
(रंजन गोगोई के बारे में पूछने पर रंगनाथ मिश्र का उदाहरण)

भारत का संविधान ,अनुच्छेद 80 राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्यों की योग्यता
साहित्य, कला, विज्ञान और समाज सेवा का विशेष ज्ञान या अनुभव!
ये हम सब जानते है।
पर बैकडोर एंट्री के लिए इन क्षेत्रों से अलग लोगों को भी मनोनीत करवाया जाता रहा है।

याद हो तो सुब्रह्मण्यम स्वामी को भी हाल ही में मनोनीत किया गया।
उसी प्रकार मनमोहन सिंह के समय 2009 के लोकसभा चुनाव हारे हुए मणिशंकर अय्यर को जब राज्यसभा में मनोनीत किया गया तो भाजपा ने भारी विरोध किया, और आपको ये जान कर हँसी आएगी कि उस समय भाजपा के प्रवक्ता थे वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद। कोविंद साहब ने तब अनु. 80 का हवाला देकर अय्यर के मनोनयन पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि जो अनु. 80 के अंतर्गत लिखी श्रेणियों के अंतर्गत आते ही उन्हें ही इन पदों के लिए मनोनीत किया जाना चाहिए।
फिर राष्ट्रपति कोविंद रंजन गोगोई को किस श्रेणी के अंतर्गत मनोनीत कर रहे है?
ज्ञात रहे --- 27 मार्च 2019 को एक सुनवाई के दौरान जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पद न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर दाग़ के समान है।

Sunday, March 1, 2020

बिहार चुनाव की पटकथाएं तैयार है--

कन्हैया जल्दी से जेल जाओ, तुम पर राजद्रोह ही क्यों देशद्रोह लगना चाहिए। तुम्हें जल्दी है ना कि फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट से सुनवाई हो, तो सुन ले, फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट का खर्चा होता है अलग से। ये पैसा हम टेक्स पेयर लोगों का है, सुना है कि इस पैसे का दुरुपयोग तुमने JNU में Ph.d करते हुए खूब किया है।

तुम्हारा नाम कन्हैया है, कृष्ण का नाम था कन्हैया। तुम तो टुकड़े टुकड़े गैंग के सरगना हो, अर्थात तुमसे नफरत करनी है, दूसरी तरफ कृष्ण तो प्रेम का देवता था। गैंग तो और भी दिखाई देती है, दिल्ली दंगे वीडियो में गैंगवार दिखे, गैंग मीडिया में भी दिखती है, उनके जोश से लबरेज चिल्लाने वाले समाचार सुन के तो खून ख़ोल जाता है। जैसे कोई युद्ध का आह्वान हो। फिर निकलते है ये मीडिया वाले सुनी सड़कों पर हेलमेट लगा के, आका के लिए मुस्तैद सैनिक।

वामी, तुम्हें हीरो मानू या विलेन ये कोर्ट तय करेगा पर, जिन नारों की बात की जा रही है, केस चल रहा है। फिर भी तुमको ये मुस्तैद मीडिया अपनी डिबेट में बुलाता है, तुम्हें यही आका के लिए मुस्तैद सैनिक ही प्रस्तुत करते है, अगले दिन फिर देशद्रोही बताते है, पर डिबेट में तुम मौजूद रहते हो। या तो तुम खिलौना हो या डेढ़ होशियार जो बार बार प्रस्तुत होते हो।

सुना कि एक गैंग दिल्ली में सरकार बना के बैठी है, "केजरीवाल एंड गैंग", वो गैंग पहले कार्यकाल में दूसरे रूप में थी, दूसरे में दूसरे रूप में।जन आंदोलन से उभरे नेता जन के नहीं रहे। अब लगता है कि चतुर धारदार केजरीवाल गायब हो गए, सत्ता मद से प्रफुल्लित बड़े से गले वाले केजरीवाल नजर आ रहे है। जिनके लिए प्रशांत किशोर ने दिल्ली में चुनावी बिसात बिछाई थी। प्रशांत किशोर एकल आदमी है, पर मजबूत है।

देखो कन्हैया तुम हीरो बनो पर उसके कुछ नियम है जो तुम्हें TV पर प्रस्तुत करने वालों के पीछे बैठे लोगों ने बनाये है, तुम बिहार में भीड़ करो पर हिसाब से, तुम्हारी ये भीड़ प्रशांत किशोर की नजर में है।नीतीश तो चुप है। दिल्ली की तरह "काम की राजनीति" भी सुशासन प्रेमी नीतीश नहीं कर सकते। लालू परिवार कहाँ जाके किससे गठबंधन करे, वामियो से तो करने दिया नहीं जाएगा। बड़े दल वाले सीधी टक्कर से बचना चाहते है। ट्विस्ट चाहिए।

कन्हैया के उभार से साम्यवादी राजनीति को मजबूती मिलेगी! कभी नहीं। साम्यवादियों इतनी आशाभरी नजरों से छोरे में विकल्प तलाशने लगे, वैसे तुम बूढ़े कब चाहते हो कि तुम्हारे होते ये छोकरा पंचायती करे। देश तो चाहता है कि तुम पर मुकदमा चले, जनता को मामला बने रहना पसंद नहीं है। कोर्ट में यदि राजद्रोह साबित हो तो जेल मिले। पर इतनी जल्दी जेल देकर मामला खत्म किसको करना है, फिर बिहार चुनाव से पहले जेल दे ही कैसे सकते है, तुम्हारी मौजूदगी वोट बाँटती है। तो फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग करने से कोई कोर्ट थोड़े ही बनाई जाएगी।

कन्हैया की गैर मौजूदगी से बिहार में समाजावादी राजनीति उभरेगी, मजबूत होगी। ये तो नागवार है, तो जितना जरूरी हो उतना ही भाषण दो, उतनी ही भीड़ इक्कठी करो। भीड़ पर नजर है ना प्रशान्त किशोर की, अब वो सब हेंडल कर देंगे। प्रशांत के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जनता बोली कि ये ऐकला है क्या कर लेगा, तो प्रशांत तो अकेले ही काम करता आया है। आंध्रा में गया, चंद्रबाबू से गठबंधन टूटा NDA का, और जगन के लिए काम करते हुए जगन को NDA का नजदीकी बना दिया। दिल्ली चुनाव में केजरी के लिए काम किया, और BJP दौड़ में थी पर बिना जीते खुश नजर आई। तस्वीरेँ भी तो बयां करती है बहुत कुछ। परदे के पीछे तुम्हारे काम की तारीफ तो होगी ही।

छटपटाहट में नीतीश ने NRC-NPR विरोधी प्रस्ताव भी पास किया। पर उनके वापिस मुख्यमंत्री बनने के रास्ते बंद करवा के ही दम लोगे प्रशांत जी आप तो। समाजवादी राजनीति तो कब से पूंजीपतियों(दक्षिणपंथी के साथ काम करने वाले) के सामने घुटने टेक चुकी है, या बचे उनके घुटने तोड़ने की तैयारी है। थोड़ी बहुत समाजवादी राजनीति बिहार में दिखती है पर इन बिहार चुनावों के बाद प्रशान्त का मैनेजमेंट काम आया तो खत्म हो जाएगी।

प्रशान्त किशोर और कन्हैया। एक मुद्दे बनाता है, दूसरा मुद्दा है। मुद्दे बनाने वाला तीसरा पक्ष बना रहा है। जो खुद मुद्दा है उसका प्रयोग किया जा रहा है, और ये उसको पता भी नहीं है। और इन सब में नीतीश तो गए, अब जनता पर है कि क्या नतीजा निकलता है। प्रशान्त का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है।वो जिन एजेंसियों के लिए काम करते आये है वो तो दुनिया भर में चर्चित रही है। पर ये इतनी बातें हम जनता जनार्दन के समझ में नहीं आती है।

देखना कन्हैया तुम्हारी फाइल, दिल्ली दंगो, पुलवामा के आरोपी की जमानत, GDP सब भुला देगी। होना काम की चीज, बने रहो पर जैसा पर्दे के पीछे के विद्वान चाहे वैसे। बिहार में जो हमसे छूट जाए वो वोट लेलो, किसने मना किया, पर उससे ज्यादा भीड़ इक्कठी करके कौनसा वामी सरकार बना लोगे तुम! बिहार में BJP का वोट प्रतिशत स्थिर रहेगा, पर सीटें बढ़ानी है। तो प्रशान्त और तुम लगे रहो।
-Jagdish Bhambhu

Monday, February 1, 2016

Yakee Organization

https://facebook.com/against.casteism.n.poverty/
Check out यक़ीन Yakeen (@Yakeen_Org): https://twitter.com/Yakeen_Org?s=08

एक # नवीन शुरुआत...एक पहल
गणतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर आपके संगठन
# YakEen_organization के द्वारा जरूरतमंदों को कपडे,कम्बल,जूते प्रदान किये गए व बच्चों को मिठाई बांटी गई।
यक़ीन आर्गेनाईजेशन ऐसे किसी भी श्रेष्ठ कार्य के लिए आपके आगमन का स्वागत करता है।
एक # दीप को अँधेरे की बुनियाद में रखा है,
किसी दिन # रोशन होगी # इमारत पूरी।
मोती से मोती पिरोये हैं एक धागे में,
एक एक मोती चुकाएगा #देश_के_विकास की कीमत पूरी।
इसी उम्मीद के साथ ...
# जय # हिन्द ।

Tuesday, March 15, 2011

Think Good

DalaiLama: "Cultivating a close, warmhearted feeling for others is the ultimate source of success in life."

Wednesday, February 16, 2011

सुविचार

Dalai Lama says-
Friends and enemies do not exist as such; friendship and enmity depend on many factors, of which the primary one is our own mental attitude.